रविवार, 14 नवंबर 2021

सुभाषितम्





आलस्यं हि मनुष्याणां शरीरस्थो महान् रिपुः। 
नास्त्युद्यमसमो बन्धुः कृत्वा यं नावसीदति।। 

 अर्थ –

 व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन आलस्य होता है, व्यक्ति का परिश्रम ही उसका सच्चा मित्र होता है। क्योंकि जब भी मनुष्य परिश्रम करता है तो वह दुखी नहीं होता है और हमेशा खुश ही रहता है।

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