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कविता संग्रह
रविवार, 14 नवंबर 2021
सुभाषितम्
अन्यायोपार्जितं वित्तं दस वर्षाणि तिष्ठति। प्राप्ते चैकादशेवर्षे समूलं तद् विनश्यति।।
अर्थ–
गलत तरीके से और अन्याय करके कमाया हुआ धन 10 वर्षों तक ही संचित किया हुआ रह सकता है। लेकिन वह धन अपने मूलधन सहित पूरा ग्यारहवें वर्ष नष्ट हो जाता है।
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