इलाहाबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय प्रयागराज
परिचय
यह विश्वविद्यालय अतीव प्राचीन एवं माहानहस्तियों के शिक्षित करने बेतु अतीव प्रसिद्ध है।
इसमें संकायों के साथ कला संकाय कुछ भिन्न ही है। जहां पर अनेक विभागों के साथ संस्कृतभाषा एव पालि प्राकृत तथा प्राच्यविद्या संकाय का भी आनन्द कुछ खाश है। हमारा इलाहाबाद विश्वविद्यालय की स्थापना 23 सितंबर, 1887 में हुई थी तथा यह भारत के चौथे सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। यह संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट गवर्नर, सर विलियम म्योर की देख-रेख में स्थापित किया गया था व भवन का सर विलियम एमर्सन द्वारा डिजाइन किया गया था। इस विश्वविद्यालय की वास्तुकला में मिस्र, इंग्लैंड और भारत वास्तु तत्वों के अंश देखे जा सकते हैं।
कला संकाय
- नृविज्ञान
- अपराध विज्ञान (Criminology)
- अर्थशास्त्र
- भूगोल
- हिन्दी
- भाषाविज्ञान
- साहित्य
- मधयकालीन तथा आधुनिक इतिहास
- संगीत एवं निष्पादन कलाएँ (Music & Performing Arts)
- शारीरिक शिक्षा
- राजनीति विज्ञान
- मनोविज्ञान
- दर्शनशास्त्र
- संस्कृत
- समाजशास्त्र
- उर्दू
- पत्रकारिता तथा जनसंचार
- U G C – Academic Staff College
- दृष्य कला
- ललित कला
- नृविज्ञान
- अपराध विज्ञान (Criminology)
- अर्थशास्त्र
- भूगोल
- हिन्दी
- भाषाविज्ञान
- साहित्य
- मधयकालीन तथा आधुनिक इतिहास
- संगीत एवं निष्पादन कलाएँ (Music & Performing Arts)
- शारीरिक शिक्षा
- राजनीति विज्ञान
- मनोविज्ञान
- दर्शनशास्त्र
- संस्कृत
- समाजशास्त्र
- उर्दू
- पत्रकारिता तथा जनसंचार
- U G C – Academic Staff College
- दृष्य कला
- ललित कला
संस्कृतविभागः
इसका ध्येयवाक्य इतना प्रेरणास्पद है कि कुछ कहते ही नहीं बनता है।
केंद्रीय पुस्तकालय
स्कॉटिश, बरोनियल, अवधी, मुगल एवं ब्रिटिश वास्तुकला शैली के मिश्रण से केंद्रीय पुस्तकालय का निर्माण किया गया है जिसके वास्तुकार सर स्विन्टन जैकब थे। वर्तमान संरचना का निर्माण वर्ष 1973 में किया गया था। पुस्तकालय के सामने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की एक प्रतिमा स्थापित है जो हिन्दी साहित्य के एक प्रख्यापित हस्ती हैं।
https://drive.google.com/file/d/18kMQoMCFSwn8pP24nsLL8tPY8ocjEVTj/view?usp=share_link